किसी भी फ्रेश ग्रैजूइट डॉक्टर का सबसे बड़ा टेंशन होता है आयसीयू ड्यूटी ।
जब भी कभी कोई पैशन्ट आपके सामने क्रैश हो जाता है, तो सारी थ्योरी भूल जाती है और हाथ पाँव फूल जाते है।
बाजार में आईसीयू पर बहुत सी बड़ी किताबे हैं, किताबों में तो बहुत कुछ लिखा है पर उसमे से प्रैक्टिकल रियल लाइफ में काम आने वाली चीज़े निकालना मुश्किल काम है।
कुछ यूनिवर्सिटीज के महंगे कोर्सेज हैं मगर आप उन्हें पढ़ने जाएँ तो बजाए कांसेप्ट बिल्डिंग के,आपको पूरी पूरी किताबें पॉवरपॉइंट पर लिख कर सुना दी जाती है।
मेरा तरीका कुछ अलग है. मैं डॉ सुबोध चतुर्वेदी हूँ. मैंने पिछले 18 वर्ष कार्डियक एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर की प्रैक्टिस की है और मैं पिछले 15 वर्षों से डॉक्टर्स को पढ़ा रहा हूँ। मैंने अपने मेडिकल करियर में हज़ारो एमर्जेन्सीज़ हैंडल की हैं और उनमे जो रियल लाइफ चीज़ें सीखी हैं उनसे मैंने यह आईसीयू कोर्स बनाया है।
अगर आपने मेरे कोई और कोर्स अटेंड किये है तो आपको आलरेडी पता होगा कि इस कोर्स में किस तरह से पढ़ाई होगी।
इस कोर्स के दो हिस्से हैं। पहला हिस्सा ऑनलाइन लेक्चर हैं, जिनमे हर एक में एक मेडिकल कांसेप्ट एक केस सिनेरियो के माध्यम से डिसकस किया गया है। ऐसे लगभग 120 घंटे से ज्यादा का कंटेंट आलरेडी अवेलेबल है और बहुत सा कंटेंट अभी आने वाला है।
इसके अलावा इंदौर मध्यप्रदेश में 4 दिन का एक रेजिडेंशियल कैंप होगा जिसमे छात्र और शिक्षक सभी एक छत के नीचे साथ रहेंगे और साथ सीखेंगे.
अगला कैंप अगस्त माह में इंदौर में होगा
इस कैंप में हम थ्योरी में जो पढ़ा है उसके प्रैक्टिकल करेंगे , Dummy पर Intubation की प्रैक्टिस करेंगे, सेंट्रल लाइन की प्रैक्टिस करेंगे , ड्रेसिंग, suturing , फ्रैक्चर और ट्रामा का मैनेजमेंट सीखेंगे और BLS ACLS पढ़ेंगे। इसके अलावा वेंटीलेटर और hemodynamics के अलग अलग प्रॉब्लम्स को सिम्युलेटर मशीन पर सीखेंगे और सॉल्व करेंगे.
मेरा मानना है कि इस पुरे कोर्स के बाद जो व्यक्ति काम पर जायेगा वो आत्मविश्वास से भरा होगा, उसे पता होगा कि वो जो ट्रीटमेंट कर रहा है वो सही है और किस इमरजेंसी में क्या करना है वो अच्छे से जानता होगा .